दोस्तों बीते 2 महीने भारत के हर आम आदमी ने तपस्या की
या पीएम मोदी के शब्दों में कहें तो शुद्धि यज्ञ किया
घंटों/दिनों लाइन में लगकर बैंक से अपना ही पैसा निकाला और ऐसा महसूस किया जैसे कोई इनाम जीता हो
बहुत तक़लीफ़ उठाई, बहुत से लोगों ने अपनी जान गँवाई
मैं खुद नोटबंदी को एक योजना के तौर पर समर्थन देता हूँ और मानता हूँ कि नोटबंदी में दिक्कतें तो होनी थी और हुई
एक रिपोर्टर के तौर पर रिपोर्ट किया कि आम लोग इस योजना के पक्ष में हैं
लेकिन इसको जिस तरह लागू किया गया उससे बेहद नाराज़ और परेशान हैं
हालाँकि आखिरी के 20-25 दिन में लोग कहने लगे थे कि इससे कुछ फायदा तो हो नहीं रहा क्योंकि
1. काले धन वाले लोग अपने 500-1000 के नोट कमीशन देकर बदलवा रहे हैं
2. 35% से शुरू हुआ कमीशन आखिरी में 5% तक आ गया जिसमें हाथों हाथ नोट बदलने की खबरें आई
3. ऊपर से सरकार ने काला धन वालों के लिए 50% पर एक तरह माफ़ी योजना भी निकाल दी
4. आम लोग ही लाइन में लगे रहे और नोट-नोट को संघर्ष करते रहे जबकि बाज़ार में 2 हज़ार के नोट की गड्डियां खूब घूमती रही लेकिन सिर्फ ख़ास लोगों के लिए
5. अलग अलग बैंक पर छापा मारने पर इस बात की तस्दीक हुई कि कालाधन कैसे सफ़ेद धन बनाया जा रहा था
खैर अब नोटबंदी का दौर ख़त्म हो चुका है और इस दौरान देश की आम जनता ने बेहद धैर्य के साथ इस दौर को जिया/झेला । इसके लिए हम सभी बधाई के पात्र है। हम सबको को बहुत बहुत बधाई।
लेकिन अब समय है ये जानने का कि नोटबंदी नाम की इस तपस्या या शुध्दि यज्ञ से हमने हासिल क्या किया। क्या क्या सवाल है जिनके जवाब मिलने से हम पता लगाएंगे कि हमारी तपस्या कितनी कामयाब रही
1. नोटबंदी के बाद कितना कालाधन का पता चला
2. कितनी रकम के 500-1000 के नोट बैंकों के पास आये। याद रहे ₹15.44 लाख करोड़ के 500-1000 के नोट 8 नवम्बर को चलन में थे
3. आधी रकम देकर काले को सफ़ेद करने की सरकारी योजना में कितने कालेधन वाले कितना काला धन लाये
4. बैंक या अन्य पर छापा मारकर कुल कितने की रकम पकड़ी गई। इससे हमको पता चलेगा कि कालेधन वालों ने कितनी भी बचने की कोशिश करी लेकिन वो बच नहीं पाए। लोगों का व्यवस्था और कानून में भरोसा बढ़ेगा
5. अब जब नोटबंदी ख़त्म हो गई है तो फिर अपने बैंक खाते से अपना पैसा निकालने पर पाबंदी क्यों बरकरार है?
6. बेशक ATM से अब आप 2500 की बजाय रोज़ 4500 निकाल पाएंगे। लेकिन पाबंदी तो अब भी है।
7. ATM से पैसा निकालने की लिमिट बढ़ाई है लेकिन ATM में आजकल पैसा मिलता कहाँ है? ज़्यादातर ATM तो पोस्टऑफिस जैसे लगते हैं आजकल
ये सवाल मेरे मन में ना उठते अगर साल के आखिरी दिन की शाम को पीएम मोदी ने इसपर बोला होता। मुझे लगा था कि शायद मोदी जी नोटबंदी पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने नई योजनाएं अपने एजेंडा पर रखी। मुझे ऐसी उम्मीद इसलिये भी थी क्योंकि सरकार कवर करने वाले पत्रकार ऐसा कह रहे थे कि पीएम नोटबंदी का रिपोर्ट कार्ड देंगे। लेकिन भाषण सुनकर लगा जैसे बजट भाषण का सबसे अहम हिस्सा पीएम ने समय से पहले घोषित कर दिया हो
खैर कोई बात नहीं क्या बोलना है क्या नहीं ये उनका अधिकार है ठीक वैसे ही जैसे सवाल पूछना हमारा अधिकार है।
आज से नया साल शुरू हो रहा है
बीती बातें माफ़ करें,अपने दिल को साफ़ करें
छोटी सी इस ज़िन्दगी में क्रोध,ईर्ष्या, द्वेष को त्याग सबसे प्रेम करें क्योंकि प्रेम का मार्ग ही परमात्मा तक ले जाता है
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।