बड़ी हैरानी हो रही है आजकल बाबा रामदेव की बात सुनकर
बाबा रामदेव को मैने खूब कवर किया उनके आन्दोलन के दौरान
बातें तो उनकी पहले भी लोगोँ को चुभती थीं लेकिन मर्यादा मे रहतीं थीं
लेकिन आजकल जाने बाबा को क्या हो गया है
शुक्रवार को लखनऊ मे कह डाला कि राहुल गांधी तो हनीमून मनाने के लिये दलित के घर जाता है
अगर वो किसी दलित की बेटी से शादी कर लेता तो वो भी दौलतमंद हो जाती .......
अब बताइये बाबा के इस अनमोल वचन का क्या अर्थ निकाला जाये ?
चलिए एक बार को मै भूल जाता हूँ कि मै एक पत्रकार हूँ और मुझे आदत है तिल का ताड़ बनाने क़ी
लेकिन आप भी सोचकर बताइये दलित के घर हनीमून बनाने के इस बयान का क्या अर्थ निकाला जाये ?
अभी कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू मे आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल पर हमला करने के जोश मे बोल गये कि
''जितनी भीड़ केजरीवाल को सुनने बनारस की रैली मे आयी थी न , उतनी भीड़ तो तब आ जाती है जब मैं मूतने के लिये गाड़ी से उतरता हूँ
हद्द हो गयी भाई , माना आपकी केजरीवाल से नहीं बनती या आपकी और केजरीवाल की विचारधारा अलग है लेकिन इस तरह के शब्द एक योगगुरु के मुख से शोभा देते हैं ?
योगी वो होता है जो अपनी इन्द्रियोँ को अपने वश में करके समाज मे एक आदर्श प्रस्तुत करता है
लेकिन आप समाज के सामने ये कैसे उदाहरण रख रहे हैं ?
माना कि आपका समर्थन बीजेपी को है और कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी ये सब आपके निशाने पर रहेंगीं
लेकिन ये विरोध भी कैसा अगर भाषा और शब्द मर्यादा की सीमा रेखा ही लांघ जाये !!
बाबा रामदेव....... देश और दुनिया मे आपके बहुत से शिष्य और अनुयायी हैँ जो आपको आदर्श मानकर आपकी इज़्ज़त करते हैं
ऐसी इज़्ज़त जो कोइ रातों रात नहीं कमाई , जाने कितनी मेह्नत और त्याग के बाद ये दिन देखने को मिला है आपको
इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि....... कुछ तो सोचकर बोलो बाबा
बाबा रामदेव को मैने खूब कवर किया उनके आन्दोलन के दौरान
बातें तो उनकी पहले भी लोगोँ को चुभती थीं लेकिन मर्यादा मे रहतीं थीं
लेकिन आजकल जाने बाबा को क्या हो गया है
शुक्रवार को लखनऊ मे कह डाला कि राहुल गांधी तो हनीमून मनाने के लिये दलित के घर जाता है
अगर वो किसी दलित की बेटी से शादी कर लेता तो वो भी दौलतमंद हो जाती .......
अब बताइये बाबा के इस अनमोल वचन का क्या अर्थ निकाला जाये ?
चलिए एक बार को मै भूल जाता हूँ कि मै एक पत्रकार हूँ और मुझे आदत है तिल का ताड़ बनाने क़ी
लेकिन आप भी सोचकर बताइये दलित के घर हनीमून बनाने के इस बयान का क्या अर्थ निकाला जाये ?
अभी कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू मे आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल पर हमला करने के जोश मे बोल गये कि
''जितनी भीड़ केजरीवाल को सुनने बनारस की रैली मे आयी थी न , उतनी भीड़ तो तब आ जाती है जब मैं मूतने के लिये गाड़ी से उतरता हूँ
हद्द हो गयी भाई , माना आपकी केजरीवाल से नहीं बनती या आपकी और केजरीवाल की विचारधारा अलग है लेकिन इस तरह के शब्द एक योगगुरु के मुख से शोभा देते हैं ?
योगी वो होता है जो अपनी इन्द्रियोँ को अपने वश में करके समाज मे एक आदर्श प्रस्तुत करता है
लेकिन आप समाज के सामने ये कैसे उदाहरण रख रहे हैं ?
माना कि आपका समर्थन बीजेपी को है और कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी ये सब आपके निशाने पर रहेंगीं
लेकिन ये विरोध भी कैसा अगर भाषा और शब्द मर्यादा की सीमा रेखा ही लांघ जाये !!
बाबा रामदेव....... देश और दुनिया मे आपके बहुत से शिष्य और अनुयायी हैँ जो आपको आदर्श मानकर आपकी इज़्ज़त करते हैं
ऐसी इज़्ज़त जो कोइ रातों रात नहीं कमाई , जाने कितनी मेह्नत और त्याग के बाद ये दिन देखने को मिला है आपको
इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि....... कुछ तो सोचकर बोलो बाबा
Isme agar BABA ka Mahant Chand ke saath wala video jod de to picture clear ho jata hai...
ReplyDeleteAap ka blog padhkar, Ravish ki Yaad aati hai, Bahut Sunder
ReplyDeleteActually Baba ke Sath jo Raat me Anyaay Hua, Use o Sapne me bhi nahi bhul pa rahe,
Isaliye Apni Bhadaas Nikal rahe hai,
thik hai, lekin aisa bhi kya, Aakhir aap Baba ho...
ye baba jaldi hi pitnewala hei ye Modi Modi islye chilla raha hei agar Congress repeat kar gai baba bhi Jodhpur jail mei hoga Asha Ram ke saath apne ko bachane ke liye ye sab natak kar raha hei................Modi iski baaton ko nahi mantha isne kuch ke kishon ke liye modi se bola tha Modi ne wo jamin Addani ko dilwani hei kisi bhi halat mei.....apne hi desh ke 5000 parivaron ko ghar se bedhakl kar raha hei wo desh kiya chalyega............bana to sadhu nahi sawadu hei
ReplyDeleteBaba ki kabhi mein bhut ijaat karta tha lekin dhere dheree vo khud hi meri najro se girte ja rahe hain.. i also hate rahul gandi and congress govt but still dushmani mein bhi ek level hona chahiye.baba ji aap toh baba ji se babajithullu ban gaye ho... jese ravish ji k anusar anaa, anna se ganna ban gaye hain...
ReplyDeleteYou r quite right sir
ReplyDeleteरामदेव को किसने बाबा बनाया? देश की जनता ने...
ReplyDeleteरामदेव किस से गिरेगा? देश की जनता से...
रामदेव को अब स्वास्थ से ज्यादा राजनीति पसंद है...
एक राजनीतिक दल का समर्थन करने से उन्हे आदर सत्कार मिलेगा ऐसे कोई बात नहीं है। रामदेव जल्द ही किसी जैल में बंद हो जाये येही सब की दुवा है....
रामदेव जी को किसी ने बनाया नहीं उन्होंने जो योग आयुर्वेद के जरिये करोडो लोगो की सेवा की है करोडो लोगो को स्वास्थ लाभ हुआ है इसलिए देश की जनता उनको मानती है क्योकि रामदेव जी को सुनकर उन्हें स्वास्थ लाभ मिलता है अच्छे विचार मिलते है आप भी योग आयुर्वेद का ज्ञान लेने के लिए आस्था चैनल सुबह 5 से 8 और शाम को 8 से 9:30 देखे
DeleteVinash ke chinh sabse pahle vani se prakat hote hain.
ReplyDeleteआपके कैमरों ने रामदेव को चुना और लोकप्रियता दिलवाई। अब यह आप लोगों को तय करना है की आपका चयन कितना तर्कसंगत था।
ReplyDeleteबाबा रामदेवजी राष्ट्रवादी संन्यासी है। अपने देश और संस्कृति के प्रति उनका अगाध प्रेम है। वे देश को सांस्कृतिक और आर्थिक विश्वशक्ति बनाना चाहते हैं।
Deleteप्रशंसा की बात यह है कि इसके लिए रामदेव संविधान के तहत कार्य करने में यक़ीन रखते हैं। संविधान के प्रति उनकी ये आस्था और सम्मान सराहनीय है। रामदेव का संन्यास समाज से पलायन कर निजी मोक्ष के लिए नहीं है, बल्कि वे समाज में रहकर उसे सही दिशा देना चाहते हैं।सदियों पुराने योग के प्रचार-प्रसार में उनका प्रयास भी सराहनीय है। इसके पीछे उनका मक़सद धर्म से अधिक आम इंसान को शारीरिक और मानसिक से छुटकारा दिलाना है। इसी बात ने बड़ी संख्या में लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया।योग को कंदराओं और आश्रमों से निकाल कर आम आदमी से जोड़ा है, इसका श्रेय उन्हें दिया ही जाना चाहिए। वह भी ऐसे मौके पर जब बहुराष्ट्रिये कंपनियों के बढ़ते शिकंजे के चलते महंगी हुई आधुनिक चिकित्सा गरीब लोगों से दूर होती जा रही है। ऐसे में बाबा ने मुफ़्त का योग देकर देश के करोड़ों लोगों का भला किया है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जो काम तमाम सरकारी कोशिशें नहीं कर सकतीं, उस स्वास्थ्य चेतना का काम बाबा ने कर दिखाया। हा एक बात आपको बता दे की बाबा किसी कैमरे या मीडिया के मोहताज नहीं है उनके पास आने से लोगो का भला होता है इसलिए लोग उनके पास आते है
ऐसे लोग आस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा देते है. एक सार्थक यात्रा का दुखद अंत होगा !
ReplyDeleteuttrakhand mai congress aane k baad baba ka business manda par gaya hai isliye baba congress se dukhi hai
ReplyDeletehttps://www.facebook.com/swami.ramdev/photos/a.204034684014.130790.49218554014/10152409695909015/?type=1&theater अर्थ तो कितने ही निकाले जा सकते हैं
ReplyDeleteबाबा रामदेव के हनीमून शब्द पर इतना बवाल क्यो? अंग्रेजी शब्दकोष में हनीमून की यह भी परिभाषा है -
ReplyDelete“An initial period of enthusiasm or goodwill, typically at the start of a new job.” “The early, usually calm and harmonious period of a relationship, business or political”
उदहारण स्वरुप वाक्य दिया गया है :
“After all, a new President enjoys a honeymoon period of three months at most”
लेकिन विकृत मानसिकता वालो ने हनीमून की परिभाषा अपने ही चरित्र के अनुसार गंदे अर्थो में लेकर पूरे माहौल में गंदगी फैला दी है और फिर जब स्वामी जी ने इन विकृत परिभाषाओ के चलते अपने शब्दों को वापस ले लिया है ताकि विकृत दिमागवाले भी आहत न हो और उसके लिए क्षमा भी मांग लिया, फिर भी उसी बात की रट लगाये रखना और बाबाजी को जेल भेजने की बात करना तो यही दर्शाता है की ऐसे मांग करनेवाले देश के दुश्मन है जो बाबाजी के काले धन के विरुद्ध अभियान से भयभीत है और खुद जेल जाने से डर रहे हैं।
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ReplyDeleteबाबा रामदेव के हनीमून शब्द पर इतना बवाल क्यो”
ReplyDeleteअंग्रेजी डिक्सनरी में हनीमून की यह भी परिभाषा है “
“An initial period of enthusiasm or goodwill, typically at the start
of a new job.”
“The early, usually calm and harmonious period of a relationship,
business or political”
उदहारण स्वरुप वाक्य दिया गया है :
“After all, a new President enjoys a honeymoon period of three months at most”
लेकिन विकृत दिमग्वालो ने हनीमून की परिभाषा अपने ही चरित्र के अनुसार
गंदे अर्थो में लेकर पुरे माहौल में गंदगी फैला दी है|
और फिर जब बाबा रामदेवजी ने इन विकृत परिभाशाओ के चलते अपने शब्दों
को वापस ले लिया है ताकि विकृत दिमागवाले भी आहत न हो, और उसके
लिए क्षमा भी मांग लिया, फिर भी उसी बात की रट लगाये रखना और बाबाजी
को जेल भेजने की बात करना तो यही दर्शाता है की ऐसे मांग करनेवाले देश
के दुश्मन ही है जो बाबाजी के काले धन के विरुद्ध अभियान से भयभीत है|
हे इश्वर, शीघ्र ही सर्वनाश हो ऐसे देश के दुश्मनों का
बाबा रामदेवजी विश्वप्रसिद्ध भारतीय योग-गुरु हैं जिनके लिए जनकल्याण धर्म से बड़ा है। उनके सामाजिक सरोकारों की सीमा उन्हें वर्तमान के कई संन्यासियों से अलग पहचान देती है।बाबा रामदेव स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबा शाहेब अम्बेटकर को अपना आदर्श मानते हैं। समाज को जागरूक करने और कुरीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए बाबा रामदेव ने बहुत मेहनत की हैं। उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक किया है। योग को कंदराओं और आश्रमों से निकाल कर आम आदमी से जोड़ा है, इसका श्रेय उन्हें दिया ही जाना चाहिए। वह भी ऐसे मौके पर जब बहुराष्ट्रिये कंपनियों के बढ़ते शिकंजे के चलते महंगी हुई आधुनिक चिकित्सा गरीब लोगों से दूर होती जा रही है। ऐसे में बाबा ने मुफ़्त का योग देकर देश के करोड़ों लोगों का भला किया है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जो काम तमाम सरकारी कोशिशें नहीं कर सकतीं, उस स्वास्थ्य चेतना का काम बाबा ने कर दिखाया। बाबा रामदेव पिछले 25 वर्षो से लगातार निःस्वार्थ भाव से समाजसेवा कर रहे है उनके योग शिवरो मे 85% स्वास्थ,अध्यात्म,जीवन जीने कि कला आदि कि बाते होती है 10% भारत को बचाने के लिये रास्ट्रनीती कि बाते होती है 5% में देश के लोगो को देश कि सच्चाई बताते है ओर जागरूक करते है रामदेव जी पहले ऐसे सन्यासी है जिन्होंने दलितों का पाद्पूजन किया है और रामदेव जी ने पतंजलि योगपीठ में तो महर्षि बाल्मीक के नाम पर एक धर्मशाला बनाई जहाँ रोज़ हजारो लोग रुकते है और भोजन करते है ये व्यवस्था एक दम निःशुल्क है आज दलितों के नाम पर कांग्रेस ओर मीडिया बाबा को बदनाम कर रही है लेकिन शायद ये लोग नहि जानते कि बाबा ने जो देश कि सेवा कि है उसे ये देश कभी नहि भूलने वाला है देश कि आम जनता बाबा जी साथ है
ReplyDeleteबाबा जी से हम निवेदन करेगे कि जिस तरह आपने देश कि सभी समस्याओं को समाप्त करने का संकल्प लिया है उसी तरह इस भ्रस्ट मीडिया को भी सही करने कि जिम्मेदारी ले तब ही इस देश का भला होगा। आप भी लाभ लेना चाहते है बाबाजी के योग का तो आस्था चैनल सुबह 5 से 8 एक बार जरूर देखे। में तो रोज़ देखता हु और करता हु और स्वस्थ रहता हु
कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को आपके सामने रखना
ReplyDeleteउचित समझता हूँ
1-आज का मीडिया पक्षतापूर्ण (Biased media) और व्यापारिक (tredar) है ।ना तो इनके पास कोई अनुसाशन है और ना ही ये संवेदनशील हैं ।मुझे नहीं लगता कि कोई भी मीडिया राष्ट्रवादी सोच रखता है । कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो इनका काम सिर्फ हल्ला मचाना और आम जनता को बरगलना है ।
2-हमारे समाज मे रहने वाले ज़्यादातर लोग व्यस्त जीवन शैली के चलते जो कुछ भी देश और दुनिया के बारे मे जानते और ए समझते हैं वो इन्ही Biased media और media tredars कि जुबान सुनकर ।तो ज़हीर सी बात है कि ये भ्रष्ट मीडिया के प्रभाव मे ही जीते है ,और जो कुछ भी देखते और सुनते हैं उसे सच मान बैठते हैं।और मीडिया इसी का फायादा उठाती है ,और इंका व्यापार फलता-फूलता है.।
अब मै आपके प्रश्न पे आता हूँ .यदि मै बात बाबा रामदेव की करूँ तो तो मुझे लगता है कि उन्हे आज कि मीडिया के दोहरे और रुपहले चरित्र को समझना चाहिए और और वर्तमान परिस्थियों को ध्यान मे रखते हुये ...शब्दों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए ....।बाबा रामदेव ने जो बयान दिया ...मुझे पता है की उनकी भावना दलितों के खिलाफ या उनका मज़ाक बनाने की खातिर नहीं थी मेरे कुछ साथियों को पता है कि उनकी भावना किसी का दिल दुखने कि नहीं थी ....लेकिन ये बात इस देश के सभी नागरिकों को नहीं पता ....उन्हे तो सिर्फ व्यापारिक मीडिया के द्वारा बताई और सुनाई गयी कहानी ही पता है
हाँ ये बात बिलकुल सच है कि मीडिया लोकतन्त्र का चौथा और सबसे मजबूत स्तम्भ है और यदि कहीं भी कुछ बुरा हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज बुलंद करना इनकी ज़िम्मेदारी बनती है ....लेकिन ये बात भी सच है कि वर्तमान परिवेश मे मीडिया मीडिया नहीं रह गयी है उसके आगे biased (पक्षतापूर्ण ) और tredar(व्यापारिक ) जैसे शब्द जुड़ गए हैं ...और लोकतन्त्र को चौथे स्तम्भ के रूप मे ऐसी मीडिया कि ज़रूरत नहीं।ज़रूरत है तो बस इन्हे उखाड़ फेंकने की और मीडिया को पुनरपरिभाषित करने की... जो राष्ट्रवादी सोच रखती हो ...,जिसमे समाज के प्रति संवेदनशीलता हो ,जो बिकाऊ ना हो ,जो सच को लिखने ,दिखाने और बोलने की हिम्मत ताकत और ज़ुर्रत रखती हो और सबसे महत्वपूर्ण बात जिसकी टोपी भ्रष्ट राजनेताओं और भ्रष्ट राजकारिणीओं के पैरों पे ना पड़ी रहती हो ।
देश वर्तमान 'व्यस्था' और 'अवस्था' को देखकर मै तो यही कहूँगा कि जो कुछ भी कहा जाए बिलकुल स्पष्ट हो जिससे मीडिया लोगों को बरगला ना सके
और जहां तक बात किसी को handle करने की है तो ज़रूरत है मीडिया को हैंडल करने की ...और मीडिया को भी ये बात समझनी चाहिए की वो देश के भले की खातिर कार्य करे ...देश को बरबादी की तरफ धकेलने की खातिर नहीं
https://www.facebook.com/swami.ramdev/photos/a.204034684014.130790.49218554014/10152409695909015/?type=1&relevant_count=1
ReplyDeletehttps://www.facebook.com/photo.php?v=10152407494459015
ReplyDeleteजिस गन्दी राजनीति का परिचायक कांग्रेस रही है लगता है उसी की भाषा आप भी बोलने लगे हैं| कांग्रेस हमेशा से किसी खास मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा ही कुछ करती आई है जैसा वह स्वामी रामदेव जी विरोध में कर रही है, उसका मकसद दामाद जी पर उठ रही उंगली को दूसरे तरफ मोड़ कर वाड्रा मामले को शांत करने का था| खैर अब मीडिया और आप जैसे पत्रकारों ने यह ठान ही लिया है कि अब कुछ भी हो जाए मगर हम अपने नैतिक मूल्यों को लेकर नहीं चलेंगे| स्वामी रामदेव जी ने जो कहा उसके लिए उन्होंने खेद व्यक्त किया है बावजूद उसके मुझे यह कहना ही पड़ेगा उस वक्तव्य में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे उन्हें माफ़ी मांगनी पड़े| हमारे देश में शब्दों से ज्यादा मूल्य भाव को दिया जाता है (अगर हम विदेशी न हो चुके हो तो) और उनके भाव में दलितों के हित की ही बात थी न कि उनके अपमान की| मीडिया ने ही कई बार हनीमून शब्द का इस्तेमाल दो पार्टियों के लिए किया है जिसका कभी बुरा नहीं माना गया क्योंकि शब्द के भाव कुछ और थे pic.twitter.com/HhHrRMqvwG(समय मिले तो जरूर इस लिंक को देखें) फिर आज इतना बवाल क्यूँ?वैसे अंग्रेजी में हनीमून शब्द के इस्तेमाल का भी मतलब समझ लें, सुविधा होगी-
ReplyDeleteHoneymoon is an English word. Like we say the government’s honeymoon period is over. It does not mean the government has gone to Goa. Similarly, Ramdev meant Rahul Gandhi goes there without a purpose. He (Ramdev) did not mean what the Congress leaders are trying to suggest
मुझे तो वाकई में मीडिया पर शर्म आ रहा है|
विकृत मानसिकता वालों ने हनीमून की परिभाषा अपने ही चरित्र के अनुसार गंदे अर्थो में लेकर पूरे माहौल में गंदगी फैला दी है और फिर जब स्वामी जी ने इन विकृत परिभाषाओं के चलते अपने शब्दों को वापस ले लिया है ताकि विकृत दिमाग वाले भी आहत न हो और उसके लिए क्षमा भी मांग लिया, फिर भी उसी बात की रट लगाये रखना और बाबाजी को जेल भेजने की बात करना तो यही दर्शाता है की ऐसे मांग करनेवाले देश के दुश्मन है जो बाबाजी के काले धन के विरुद्ध अभियान से भयभीत है और खुद जेल जाने से डर रहे हैं। https://www.facebook.com/photo.php?v=10152409504539015&set=vb.49218554014&type=2&theater
ReplyDeleteजिस सन्त के आगे सभी के सर झुक जाते हो उसका सर दलित बुज्रुर्ग महिलाओ के कदमो मैं झुका देख कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि उनकी निगाह मे सर्वधर्म समभाव है। दलितों का अपमान करना होता तो इस तरह सम्मान कैसे करते।
ReplyDeleteराहुल गांधी ये तो बताएं कि दलित मसीहा अंबेडकर के नाम पर देश में एक भी कल्याहणकारी योजना क्योंम नहीं है? ये और मीडिया रामदेव जी पर झूठे आरोप लगाते है की रामदेव जी ने दलितों का अपमान किया है अरे रामदेव जी पहले ऐसे सन्यासी है जिन्होंने दलितों का पाद्पूजन किया है और रामदेव जी ने पतंजलि योगपीठ में तो महर्षि बाल्मीक के नाम पर एक धर्मशाला बनाई जहाँ रोज़ हजारो लोग रुकते है और भोजन करते है ये व्यवस्था एक दम निःशुल्क है ऐ कांग्रेस और मीडिया के लोगो एक सच्चे संत को इस तरह से झूठा बदनाम करोगे तो भगवान भी माफ़ नहीं करेगा,रामदेव जी जैसे संत भगवान का रूप होते है धन्य है रामदेव जी
ऐसे संत को मेरा कोटि-कोटि नमन
आप अब पत्रकार बचे ही नहीं जनाब आप तो कांग्रेस के प्रवक्ता हो चुके हैं|स्वामी रामदेव के लखनऊ में हुए पत्रकार वार्ता में राहुल के परिपेक्ष में दिए गए बयान पर आजकल जो बवाल मचा हुआ है वह सर्वथा ग़लत है I इसके लिए स्वामी राम देव जी ने दूसरे ही दिन अपना पक्ष रखा और दलित वर्ग की भावनाओं को अनजाने में पहुचे ठेस के लिए खेद भी व्यक्त किया I
ReplyDeleteबयान जब दिया जाता है तो उस बयान का एक इंगित POINT होता है स्वामी जी के बयान में उस इंगित POINT पर राहुल जी थे I दलित वर्ग के विषय में यह सोचा भी नहीं जा सकता क्योंकि स्वामी जी का नजरिया दलितों के लिए इसके बिलकुल विपरीत है जिसे उन्होंने प्रमाण के साथ अपने पक्ष को रखते समय रक्खा है I दलित वर्ग को; उनके निमित्त पूर्व में स्वामी जी द्वारा किये गए कार्यों का भी विश्लेषण करना चाहिए I
यहाँ स्वामी जी की दलित विचारधारा पर प्रहार कर सम्बन्धों को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कभी सम्भव नही हो सकेगा I सोशल मीडिया पर भी इसके पक्ष में लगातार प्रमाण आ रहे हैं; दलित वर्ग के सम्मानित बंधुओ से आग्रह है कि विषय वस्तू का संतुलित विश्लेषण करें Iसम्बन्ध बनाने में वर्षो लग जाते हैं किन्तु सम्बन्ध बिगाड़ने में एक क्षण भी नहीं लगता I उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण जो लखनऊ का ही नहीं पूरे भारत का सर्वप्रिय तथा सर्वाधिक प्रसारित हिंदी दैनिक है उसने भी स्वामी जी के आशय को मद्दे नज़र रखते हुए ही विस्तार से समाचार छापा है|