दिवाली या दीपावली हम क्यों मनाते हैं? इसका महत्व क्या है?
इस बारे में हम कुछ जानते हैं, कुछ नहीं जानते या कुछ भ्रांतियां हैं
आज के इस मौके पर सोचा आपसे अपना यही ज्ञान साझा करूँ
आज से करीब 8,000 बरस पूर्व प्रभु श्री राम रावण का वध करके
माता सीता को उसके बंधन से छुड़ाकर अयोध्या लौटे थे
तो जब वो लौटे थे तो वो रात थी अमावस्या
जिसमें घना अँधेरा छाया हुआ था
साथ ही खुशी का मौका... कि इतने लंबे सालों के बाद
राजा रामचंद्र जी माता सीता संग घर लौटे तो इसलिये अयोध्या वासियों ने दिए जलाकर प्रकाश किया स्वागत किया और खुशियां मनाई
तो हम उस पावन दिन की याद में हम आज भी दीये जलाकर प्रकाश फैलाकर खुशियां मनाते हैं
प्रभु श्री राम इतने बरस से अयोध्या में नहीं थे जिसके चलते अयोध्या वासियों की स्थिति काफी खराब हो गई थी साथ ही सीता माता जो कि साक्षात् लक्ष्मी स्वरूपा थी
वो अपने घर आई थी
तो सीता माता के सम्मान और अयोध्या वासियों पर देवी लक्ष्मी की कृपा हो इसलिये प्रभु श्री राम ने उस दिन समस्त अयोध्या वासियों के लिए आदिशक्ति के महालक्ष्मी स्वरुप का पूजन किया था
इसलिये हम आज के दिन देवी महालक्ष्मी की पूजा करते हैं
ध्यान रखें जब हम लक्ष्मी की बात करते हैं तो लक्ष्मी का अर्थ 'पैसा या धन' नहीं होता
लक्ष्मी का असल अर्थ होता शांति, समृद्धि, संतुष्टि
यही इस संसार का सबसे बड़ा धन या संपत्ति है
जिसके पास ये हैं उसको पैसे की टेंशन क्या?
और जिसके पास ये नहीं उसके पास कितना भी पैसा हो क्या फ़र्क़ पड़ता है?
हमें याद रखना चाहिए कि ये पैसा नाम की वस्तु
इंसान ने बनाई है भगवान ने नहीं
इसलिये बस ईश्वर की भक्ति करें उसके अलावा संसार में भक्ति लायक कुछ है नहीं
आप भगवान पर ध्यान दीजिए, भगवान आप पर ध्यान देंगे
दीपावली की शुभ और मंगल कामनाएं
Sharad Sharma, Reporter, NDTV
Sunday, 30 October 2016
दीपावली का पर्व और महत्त्व
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